लोक परीक्षा अधिनियम लागू, भारत सरकार ने अधिसूचना जारी की

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 21 जून 2024 को पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट 2024 के प्रावधान लागू कर दिए हैं। शुक्रवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई। यह कानून फरवरी 2024 में पारित हो गया था।

लोक परीक्षा कानून 2024 के लागू होने के बाद सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसमें नकल पर रोकथाम के लिए न्यूनतम तीन साल से पांच साल तक के कारावास और इस तरह के संगठित अपराध में शामिल लोगों को पांच से 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। प्रस्तावित कानून में न्यूनतम एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान भी है।

प्रमुख बिंदु:

नकल पर सख्ती: सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना।

संगठित अपराध: संगठित अपराध में शामिल लोगों को पांच से 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये का जुर्माना।

प्रतियोगी परीक्षाएं: यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं इस कानून के दायरे में आएंगी।

प्रश्न पत्र या उत्तर कुंजी का लीक होना, सार्वजनिक परीक्षा में अनधिकृत रूप से किसी भी तरीके से उम्मीदवार की सहायता करना, और कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर संसाधन के साथ छेड़छाड़ करना अपराध माने जाएंगे।

लोक परीक्षा कानून 2024 में कहा गया है कि “प्रश्न पत्र या उत्तर कुंजी का लीक होना”, “सार्वजनिक परीक्षा में अनधिकृत रूप से किसी भी तरीके से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उम्मीदवार की सहायता करना” और “कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर संसाधन या कंप्यूटर सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करना” किसी व्यक्ति, लोगों के समूह या संस्थानों द्वारा किए गए अपराध हैं।

इस कानून के लागू होने से प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी और अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो सकेगी। सरकार का मानना है कि इस कानून से परीक्षा प्रणाली में सुधार होगा और योग्य उम्मीदवारों को न्याय मिलेगा

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