उत्तर प्रदेश में चयन परीक्षाओं की शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम

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उत्तर प्रदेश सरकार चयन परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और गोपनीयता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में चयन परीक्षाओं के दौरान साल्वर गैंग और पेपर लीक जैसी गतिविधियों पर पूर्णतः रोक लगाने के उद्देश्य से शीघ्र ही एक नया कानून लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं के भविष्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ न करने का संकल्प व्यक्त किया है।

आज लखनऊ में विभिन्न चयन आयोगों के साथ आयोजित एक बैठक में मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि केवल राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज अथवा साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ख्याति प्राप्त सुविधा संपन्न वित्त पोषित शैक्षिक संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हम युवाओं के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।”

प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में पेपर लीक और साल्वर गैंग की गतिविधियों के कारण चयन परीक्षाओं की प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लगे थे। इसी को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान यह भी कहा कि परीक्षा केंद्रों की चयन प्रक्रिया में कोई भी ढील नहीं दी जाएगी और केवल उन संस्थानों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा जो पूरी तरह से मानकों पर खरे उतरते हैं।

यह नया कानून प्रदेश के युवाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी चयन परीक्षाओं का भरोसा दिलाने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा। सरकार का उद्देश्य है कि योग्य उम्मीदवारों को उनका हक मिले और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।

इस बैठक में उच्च शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग और अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इस दिशा में तेजी से कार्यवाही करें और सुनिश्चित करें कि आगामी सभी चयन परीक्षाएँ पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी हों।

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