बलिया जिले के 24 थानों में पहले दिन नए कानून के तहत एक भी केस दर्ज नहीं

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बलिया। जिले के 24 थानों में से किसी में भी सोमवार को नए कानून के तहत कोई केस दर्ज नहीं हुआ। पुलिस शिकायत न होने की बात कहती रही। जबकि कई थानों पर मारपीट व अन्य छोटी-मोटी घटनाओं की शिकायत लेकर लोग पहुंचे। थाने पर तैनात मुंशी के प्रशिक्षण के बाद अन्य सिपाही व अधिकारी कानून की नई धाराओं को पढ़कर खुद को अपडेट करते रहे।

बांसडीह थाने में छात्रा के अपहरण की शिकायत मिली तो पुलिस नए कानून के तहत केस दर्ज करने की योजना बना रही थी, लेकिन जांच में मामले की पुष्टि न होने से केस दर्ज नहीं हो सका। एएसपी दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि कोई आपराधिक घटना या शिकायत न होने के कारण अभी तक केस दर्ज नहीं हो सका है। कहा कि शिकायत मिलते ही नए कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आम जनता को नए कानून के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

ये हुए बदलाव

नए कानून के तहत अब धोखाधड़ी के लिए धारा 420 की जगह धारा 316 और हत्या के लिए धारा 302 की जगह धारा 101 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। 18 वर्ष से कम उम्र के लड़के-लड़कियों को बालिग के तौर पर लिखा जाएगा। शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाते पकड़े गए पुलिस ने अब दुष्कर्म लिखने की जगह नई धारा 69 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। पुलिस थाना क्षेत्र का हवाला देकर लोगों को नहीं टाल सकेगी। मुकदमा दर्ज होने के बाद जांच से लेकर आगे की कार्रवाई तक की जानकारी शिकायतकर्ता को उसके मोबाइल पर एसएमएस के जरिए दी जाएगी।

नई विधिक संहिता के तहत धाराओं की संख्या 511 से घटाकर 358 कर दी गई है और इसके तहत 20 नए अपराध जोड़े गए हैं। पहले वीडियो का कोई महत्व नहीं था, लेकिन अब कोर्ट भी वीडियो पर विचार कर रहा है। सीडीआर भी महत्वपूर्ण है। अब पुलिस जांच भी समय पर होगी और पीड़ित को इसका लाभ मिलेगा।

जिले में जनजागरण

सोमवार को जिले के सभी थानों पर गणमान्य लोगों की बैठक हुई, जिसमें उन्हें लागू हुए तीन नए कानूनों की जानकारी दी गई। इसमें अधिकारियों ने अस्तित्व में आए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस 2023), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस 2023) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के बारे में जानकारी दी। सदर कोतवाली परिसर में पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा ने प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी दी। नरही थाना परिसर स्थित शिवम हॉल में ग्राम प्रधानों और गणमान्य लोगों की बैठक हुई।

अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने कहा कि अंग्रेजों ने पहले दंड संहिता बनाई थी और अब उसे बदलकर न्याय संहिता कर दिया गया। थानाध्यक्ष पन्नेलाल ने लोगों को मोबाइल फोन के जरिए ठगी के अनोखे तरीकों के बारे में जागरूक किया। खेजुरी थाना परिसर में इंस्पेक्टर क्राइम विष्णु प्रताप गौतम ने विधि व्यवस्था में आए बदलावों के बारे में बताते हुए कहा कि यह नए कानून सजा पर आधारित नहीं बल्कि न्याय पर आधारित हैं। जिससे विसंगतियां और जटिलताएं दूर होती हैं।

नए कानूनों में इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रिकॉर्ड, ई-मेल, कंप्यूटर, स्मार्ट फोन, एसएमएस और लोकेशनल साक्ष्य शामिल हैं। अब जांच समय पर होगी, मुकदमा दर्ज होने के एक साल के अंदर सजा मिलेगी। नरही थाने में नए कानून की जानकारी देते अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद। इस मौके पर एसआई शकील अहमद, औरंगजेब खान के अलावा एसआई (प्रशिक्षु) शुभम दुबे, जयदीप यादव और कृष्णानंद, राहुल राय आदि मौजूद रहे। सुखपुरा में प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र प्रसाद सिंह ने थाना परिसर में गणमान्य लोगों को नए कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया कि अब कहीं से भी एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी।

नए कानून में महिलाओं, पन्द्रह वर्ष से कम उम्र के किशोरों, 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों तथा दिव्यांग या गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को थाने आने से छूट रहेगी। पुलिस निवास स्थान पर ही सहयोग करेगी। विशुनपुरा थाना प्रभारी निरीक्षक हरिशंकर सिंह ने स्थानीय लोगों के साथ बैठक में बताया कि महिला अपराध व बाल अपराध पर कड़े प्रावधान किए गए हैं। बैठक में पूर्व प्रधान जगसन सिंह, प्रधान विनोद चौहान, सियाराम आदि मौजूद रहे।

मनियर में तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद थाने पर बड़ी संख्या में संभ्रांत लोगों की बैठक हुई। इस दौरान प्रधान सदन यादव, रमेश पासवान, सतीश सिंह आदि लोग मौजूद रहे। बेल्थरारोड उभांव एसएचओ विपिन सिंह ने कहा कि न्याय संहिता लागू होने के बाद लोगों को त्वरित न्याय उपलब्ध हो सकेगा। न्याय व्यवस्था को सरल बनाने के लिए साक्ष्य को विशेष महत्व दिया गया है। एसआई सुमित सिंह, रामधारी सोनकर, नीरज यादव, रामानुज शुक्ला आदि मौजूद रहे।

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