बलिया सहित पूर्वांचल में भू-गर्भ जल संकट गंभीर
बलिया: बलिया सहित पूरे पूर्वांचल में भू-गर्भ जल की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। विश्व भू-गर्भ जल दिवस पर जारी आंकड़ों ने क्षेत्र की चिंता और बढ़ा दी है। वॉटर एंड इंडिया और अन्य स्रोतों के अनुसार, यहाँ भू-जल दोहन में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो एक गंभीर संकट का संकेत है।
भू-गर्भ जल में गिरावट के प्रमुख कारण
• असामान्य रूप से कम वर्षा और सूखा।
• खेती में सिंचाई के लिए भू-गर्भ जल का अत्यधिक उपयोग।
• तेजी से हो रहा शहरीकरण और औद्योगिकीकरण।
• जल संरक्षण की प्रभावी योजनाओं का अभाव।
भू-जल की कमी से उत्पन्न समस्याएँ
• पीने के पानी की गुणवत्ता में गिरावट।
• कृषि उत्पादन में कमी और फसलें सूखना।
• तालाबों और नदियों का सूखना।
• पर्यावरण और जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव।
भू-जल संरक्षण के उपाय
• वर्षा जल संचयन की तकनीकों को अपनाना।
• जल पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग को बढ़ावा देना।
• सिंचाई में जल उपयोग दक्षता बढ़ाना।
• वृक्षारोपण और वन संरक्षण।
• जन जागरूकता अभियान और शिक्षा।
विशेषज्ञों की राय
जल संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. राकेश ने कहा कि स्थिति गंभीर है और अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में जल संकट और गहरा सकता है। सामुदायिक और सरकारी स्तर पर एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।