राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए 100 से अधिक किसानों की भूमि अधिग्रहण, किसानों में असमंजस

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बेल्थरारोड: अपर जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और चौड़ीकरण के लिए सड़क के दायरे में पड़ने वाले 100 से अधिक किसानों की भूमि को अधिग्रहण करने के लिए नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही मुआवजे का मूल्य भी निर्धारित कर दिया गया है, लेकिन रेट अस्पष्ट होने से किसानों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने सड़क के दायरे में आने वाली भूमि को 60 दिन के अंदर खाली करने का निर्देश दिया है।

देवरिया जिले के सलेमपुर तहसील के नवलपुर और बलिया जिले के सिकंदरपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए सड़क के दायरे में आने वाली किसानों की भूमि को अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले किसानों की भूमि से कब्जा हटाकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा।

भूमि के मुआवजे के लिए तहसीलदार द्वारा निर्गत अंश प्रमाण पत्र, लेखपाल से प्रमाणित फार्म सी सहित अन्य साक्ष्य उपजिलाधिकारी या तहसीलदार को उपलब्ध कराने के बाद किसानों को सर्किल रेट से भुगतान किया जाएगा। लेकिन भूमि के मुआवजा राशि के निर्धारण को लेकर किसानों में रोष व्याप्त है। किसानों का कहना है कि सरकार ने सर्किल रेट से तीन गुना अधिक मूल्य देने की घोषणा की है, लेकिन संबंधित अधिकारी रेट निर्धारण में मनमानी कर रहे हैं।

किसानों की मांग:

क्षेत्र के खैरा, साहुनपुर, चंदन पट्टी, मझवलियां, ककरासो, करीमगंज, बेल्थराबाजार, हल्दीरामपुर, पनिसरा, नरला आदि ग्रामों के किसानों ने भू-स्वामियों को विश्वास में लेकर रेट निर्धारित करने की मांग की है। किसानों का कहना है कि उन्हें उचित और स्पष्ट मुआवजा मिलना चाहिए ताकि वे अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकें।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:

प्रशासन का कहना है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और मुआवजा निर्धारण में पारदर्शिता बरती जाएगी और किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया है कि उनकी सभी समस्याओं और शंकाओं का समाधान किया जाएगा।

भूमि अधिग्रहण की इस प्रक्रिया के तहत किसानों को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और उनकी भूमि का उचित मूल्य मिलेगा, जिससे वे बिना किसी परेशानी के अपनी जमीन का समर्पण कर सकें और राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में अपना योगदान दे सकें।

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