17 ब्लाकों के 439 विद्यालय ,जहां 50 से कम बच्चों का नामांकन
बलिया। सरकारी स्कूलों का हाल ये है कि जिले के 439 परिषदीय विद्यालयों में 50 से कम छात्र हैं। इसमें 354 प्राथमिक, 80 उच्च प्राथमिक व 5 कम्पोजिट विद्यालय शामिल हैं। सबसे खराब स्थिति गड़वार ब्लाक की है। यहां 75 विद्यालयों में छात्र संख्या निर्धारित संख्या से कम है। इसके अलावा चिलकहर व पंदह ब्लाक के 50-50 विद्यालयों के अलावा नवानगर के 35 व सीयर के 31 विद्यालय इस श्रेणी में हैं।
जबकि इन विद्यालयों में तैनात शिक्षकों व शिक्षामित्रों के वेतन पर प्रतिमाह करीब 6.58 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। एक तरफ सरकार परिषदीय विद्यालयों को हाईटेक व प्रतिस्पर्धात्मक बना रही है और बच्चों को मुफ्त ड्रेस, जूता, मोजा व किताबें भी उपलब्ध करा रही है। सूची में 354 प्राथमिक, 80 उच्च प्राथमिक व 5 कम्पोजिट विद्यालय शामिल हैं। वहीं एमडीएम के नाम पर भी भारी भरकम धनराशि खर्च की जा रही है। इसके बावजूद परिषदीय विद्यालयों की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।
महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से प्रेरणा पोर्टल पर पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या के संबंध में रिपोर्ट जारी की गई है। इसके अनुसार जिले के 17 ब्लाकों में 439 विद्यालय ऐसे हैं, जहां 50 से कम बच्चे नामांकित हैं। सीमा रेखा से दूर पंदह ब्लाक के 50 विद्यालयों में निर्धारित छात्र संख्या से पीछे रहने वाले ब्लाकों में शिक्षा क्षेत्र चिलकहर व पंदह दूसरे स्थान पर है। यहां कुल 50 विद्यालय ऐसे चिन्हित किए गए हैं, जहां नामांकित विद्यार्थियों की संख्या 50 से कम है।
वेतन पर औसतन 6.58 करोड़ रुपये मासिक व्यय
एक ओर जहां प्रदेश सरकार परिषदीय विद्यालयों को सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपये का बजट खर्च कर रही है, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों के वेतन पर भी भारी भरकम धनराशि खर्च की जा रही है। यदि इन विद्यालयों में दो शिक्षक, दो शिक्षामित्र और दो रसोइया तैनात कर दिए जाएं तो वेतन पर औसतन 1.50 लाख रुपये व्यय हो रहे हैं। उदाहरण के लिए जिला स्तर पर चिन्हित कुल 439 विद्यालयों के वेतन पर लगभग 6.58 करोड़ रुपये प्रतिमाह व्यय हो रहे हैं।
एक नजर इधर भी डालिए
प्रखंड बेरुआरबारी विद्यालय बैरिया बलिया नगर मुरली छपरा रेवती बेलहरी बांसडीह नगरा दुबहड़ मनियार सीर नवानगर चिलकहर पंद्रह गड़वार नवानगर के 35 विद्यालय भी पिछड़े हनुमानगंज सोहांव 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के मामले में नवानगर जिले में शिक्षा क्षेत्र तीसरे स्थान पर है। यहां करीब पांच विद्यालय ऐसे हैं जहां छात्रों की संख्या 20 से कम है। इसके अलावा छह विद्यालयों में छात्रों की संख्या 30 से कम है। जबकि 12 विद्यालयों में नए सत्र में नामांकित छात्रों की संख्या 30 से अधिक लेकिन 40 से कम है। जबकि 12 विद्यालयों में पंजीकृत छात्रों की संख्या 40 से अधिक लेकिन 50 से कम है।
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