विकास कार्य ठप, नगर पालिका का कोष खाली, सीएम से नगर पालिका अध्यक्ष की मुलाकात

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बलिया। जिले की एकमात्र ए ग्रेड नगर पालिका धन की कमी से जूझ रही है। ढाई साल से नगर पालिका का कोष खाली है, जिसके कारण बड़े प्रोजेक्ट रुक गए हैं और छोटे-मोटे विकास कार्य भी मुश्किल हो गए हैं।

निकाय चुनाव के बाद उम्मीद थी कि नगर पालिका की स्थिति में सुधार होगा, लेकिन हुआ इसके विपरीत। ढाई साल बीतने के बाद भी नगर पालिका की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। धन के अभाव में विकास कार्यों की फाइलें डंप पड़ी हैं।

राज्य वित्त आयोग से नगर पालिका को 1.98 करोड़ रुपये मिलते हैं, जिनमें से 1.60 करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर ही खर्च हो जाते हैं। इसके अलावा, नगर पालिका को हर महीने करीब 30-35 लाख रुपये कर्ज की किस्त के रूप में चुकानी पड़ती है।

सीएम से नगर पालिका अध्यक्ष की मुलाकात

नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष संतकुमार उर्फ ​​मिठाई लाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर नगर पालिका के तत्कालीन ईओ व एसडीएम सदर आत्रेय मिश्र की शिकायत की। उन्होंने बताया कि 2023 में ददरी मेला व कार्तिक पूर्णिमा स्नान के आयोजन में प्रशासनिक सहयोग नहीं मिला, जिससे आयोजन प्रभावित हुआ। उन्होंने सीएम से अपील की कि यदि ददरी मेला 2023 के टेंडर कार्यों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली तो 2024 में ददरी मेला के आयोजन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

आर्थिक तंगी और विकास कार्य

राज्य वित्त आयोग से मिलने वाली धनराशि नगर पालिका के खर्चों के मुकाबले बहुत कम है। कर्मचारियों और पेंशनरों का मासिक बिल करीब 1.60 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों के डीजल पर हर महीने करीब आठ लाख रुपये खर्च होते हैं। बाकी रकम विकास कार्यों और अन्य खर्चों में लगाई जाती है।

नगर पालिका को इस संकट से उबारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सीमित बजट में जितना संभव हो, उतना काम कराया जा रहा है और शासन से लगातार बजट की मांग की जा रही है।

संत कुमार उर्फ ​​मिठाई लाल, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, बलिया ने बताया कि उनका उद्देश्य जनता की समस्याओं का समाधान करना है और इसके लिए वे लगातार प्रयासरत हैं।

Source amar ujala

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