नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 25 साल का कारावास
16 वर्षीय किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में न्यायालय ने दोषी को 25 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) प्रथम कांत की अदालत ने दिया। आरोपी हरिवृंद सिंह, जो गोविंदपुर दुहिमुशी, थाना भीमपुरा का निवासी है, को इस घिनौने अपराध के लिए दोषी ठहराया गया।
घटना का विवरण और न्यायिक प्रक्रिया
यह मामला 30 मई 2023 का है, जब हरिवृंद सिंह ने 16 वर्षीय किशोरी को शादी का झांसा देकर भगा लिया। इस घटना में रोहित और नागेंद्र नामक दो अन्य व्यक्तियों ने भी आरोपी का सहयोग किया। पीड़िता के परिवार ने इस मामले की रिपोर्ट भीमपुरा थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस द्वारा की गई विवेचना के बाद हरिवृंद सिंह के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
न्यायालय का फैसला
आरोपी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इंकार किया, लेकिन न्यायालय ने साक्ष्यों और वकीलों की बहस को ध्यान में रखते हुए हरिवृंद सिंह को दोषी करार दिया। अदालत ने उसे 25 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा, आरोपी पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया। यदि आरोपी अर्थदंड नहीं चुका पाता है, तो उसे एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भी भुगतना होगा।
सुनवाई की प्रक्रिया
इस मामले की सुनवाई तेजी से की गई, और सभी साक्ष्यों को छह माह के भीतर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। तीन फरवरी को हुई सुनवाई के बाद साक्ष्य कार्यवाही शुरू हुई, और अंततः न्यायालय ने हरिवृंद सिंह को दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई।
निष्कर्ष: न्यायालय का यह फैसला बालिकाओं के अधिकारों और सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो समाज में अपराधियों के खिलाफ सख्त संदेश भेजता है। इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि कानून किसी भी प्रकार की हिंसा या अपराध के प्रति कठोर रुख अपनाता है और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
Source-amar ujala