कैबिनेट ने स्वीकृत की 2024-25 की ट्रांसफर नीति, 30 जून तक होंगे तबादले

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सरकार ने उन कर्मचारियों और अधिकारियों को ट्रांसफर के दायरे में लाने का फैसला किया है, जिन्होंने जिले में तीन साल और मंडल में सात साल पूरे कर लिए हैं। तबादले 30 जून तक किए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में ट्रांसफर नीति 2024-25 को मंजूरी दी गई।

नई नीति के तहत, जितना अधिक समय एक कर्मचारी ने एक ही स्थान पर बिताया है, उसका नाम ट्रांसफर सूची में उतना ही ऊपर होगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद मंगलवार शाम को इससे संबंधित सरकारी आदेश जारी किया गया।

कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि जिले में तीन साल पूरे कर चुके ग्रुप ए और बी अधिकारियों का तबादला किया जाएगा। साथ ही, मंडल में सात साल पूरे कर चुके ग्रुप ए और बी अधिकारियों का भी स्थानांतरण किया जाएगा।

विभागाध्यक्ष और मंडलीय अधिकारियों को निर्धारित सीमा से अधिक स्थानांतरण के लिए अनुमति लेनी होगी। ग्रुप ए और बी के स्थानांतरण कुल संवर्ग की संख्या का अधिकतम 20 प्रतिशत तक हो सकता है। इससे अधिक के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति अनिवार्य होगी। ग्रुप सी और डी कर्मचारियों का स्थानांतरण कुल संवर्ग की संख्या का अधिकतम 10 प्रतिशत तक हो सकता है। इससे अधिक के लिए संबंधित मंत्री की अनुमति आवश्यक होगी।

नए नियमों के तहत, कर्मचारियों को सेवा के अंतिम दिन वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। यह प्रस्ताव मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूर किया गया।

अन्य कैबिनेट निर्णय:

अलग से, मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों के माता-पिता को ऐसी जगहों पर तैनात किया जाएगा जहां बच्चों की देखभाल और उपचार की उचित व्यवस्था हो। राज्य के 100 आकांक्षी विकास खंडों के सभी पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।

इस प्रक्रिया के तहत, जूनियर द्वारा सीनियर को पदोन्नति में पीछे छोड़ने पर सीनियर को वरीयता दी जाएगी, जिसे अनुमानिक पदोन्नति कहा जाता है। इसके बाद, बैक डेट के माध्यम से प्राप्त वेतन वृद्धि को अनुमानिक वृद्धि कहा जाता है।

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