सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा, तुर्तीपार-त्यागी बाबा आश्रम मार्ग कटा
बलिया, सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में दहशत फैल गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, शुक्रवार शाम चार बजे जलस्तर 64.330 मीटर रिकार्ड किया गया, जो खतरा बिन्दु 64.010 मीटर से ऊपर है। अगले 24 घंटों में जलस्तर में आधा सेमी प्रति घंटा की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
सरयू नदी के तेज बहाव के कारण तुर्तीपार-त्यागी बाबा आश्रम मार्ग कट गया है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित हो गया है। बिल्थरारोड के आश्रम से तुर्तीपार गांव तक जाने वाली मुख्य सड़क बाढ़ के पानी के कारण टूट गई है। इससे लोगों को एक किलोमीटर से अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है और पशुपालकों को पशुओं के लिए चारा लाने में भी काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
गोपालनगर में कटान रुकी, पलायन जारी
बैरिया संवाददाता के अनुसार, सुरेमनपुर दियराचल के गोपालनगर टोड़ी पर सरयू में पिछले पांच दिनों से चल रही कटान शुक्रवार को एक दर्जन पक्के मकानों को अपने आगोश में लेने के बाद थम गई है। इससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है, हालांकि लोगों का पलायन जारी है। पिछले एक सप्ताह में सरयू नदी की कटान से दस लोगों के मकान नष्ट हो गए हैं।
प्रशासन की तैयारी
उप जिलाधिकारी निशांत उपाध्याय ने शुक्रवार को सरयू नदी के तटवर्ती इलाकों का निरीक्षण किया और बाढ़ से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं और कर्मचारियों को तैनात किया गया है, जो नदी के स्वरूप पर नजर रख रहे हैं। गोपालनगर स्थित पंचायत भवन में कटान पीड़ितों के लिए बाढ़ शरणालय बनाया गया है, जहां निशुल्क आवास व भोजन की व्यवस्था की गई है।
ग्रामीणों की चिंता
ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ विभाग हर साल प्यास लगने पर कुआं खोदता है। बाढ़ विभाग के कर्मचारी बांस के चबूतरे में रेत आदि डालकर कटान रोकने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोग उनके कार्य का विरोध कर रहे हैं।
प्रशासन की ओर से स्थिति पर नजर रखी जा रही है और बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और सभी संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
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