पीएम किसान सम्मान निधि की राह में किसान रजिस्ट्री का रोड़ा: अगली किस्त की चुनौतियाँ
लखनऊ – प्रदेश के किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त पाने के लिए कृषि विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है, क्योंकि बिना किसान पंजीकरण के संबंधित किसान को किस्त नहीं मिल पाएगी। ऐसे में कृषि विभाग ने अपनी रणनीति बदल दी है। अब पीएम किसान सम्मान निधि वाले किसानों की गांववार सूची तैयार की जा रही है।
डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर (एग्रीस्टैक) के तहत प्रदेश में किसानों की रजिस्ट्री की जानी है। इसमें किसानों और उनके खेतों से जुड़ा सारा डाटा ऐप पर अपडेट किया जाएगा। किसानों को अब आधार नंबर की तरह किसान नंबर दिया जाएगा और फिर आधार कार्ड जैसा कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। यह प्रक्रिया शुरू हो गई है और इन दिनों 10 जिलों के 125 गांवों में किसानों का पंजीयन किया जा रहा है।
चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि, कई स्थानों पर आधार संबंधी समस्याओं और नेटवर्क की कमी के चलते पंजीयन की गति धीमी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार किसान रजिस्ट्री के लिए संबंधित किसान का आधार नंबर भी जरूरी है। ऐप पर आधार नंबर डालने के लिए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की जरूरत होती है, लेकिन ज्यादातर किसानों के मोबाइल नंबर बदल गए हैं, जिससे ओटीपी प्राप्त करने में समस्या हो रही है। इसके अलावा, कई गांवों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या भी है। इन समस्याओं के समाधान के लिए लगातार नए उपाय खोजे जा रहे हैं।
विभाग की नई रणनीति
कृषि निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार तोमर ने बताया कि प्रदेश के किसानों को हर हाल में पीएम किसान सम्मान निधि दिलाई जाएगी। योजना के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों से केंद्र सरकार को अवगत करा दिया गया है। ऐप में कुछ बदलाव किए जाने चाहिए। अभियान चलाकर हर किसान का पंजीकरण तय समय पर किया जाएगा।
समय सीमा और लक्ष्यों पर ध्यान
दिसंबर की पीएम किसान सम्मान निधि के लिए किसान रजिस्ट्री होना अनिवार्य है। ऐसे में 30 सितंबर तक रजिस्ट्री का काम पूरा करना जरूरी है। पीएम सम्मान निधि के लिए अभी ढाई महीने का समय है, जबकि उत्तर प्रदेश में निधि पाने वाले किसानों की संख्या 2.10 करोड़ है। इसको देखते हुए कृषि विभाग में खींचतान चल रही है। विभाग ने निधि के 2.10 करोड़ लाभार्थियों की अलग से सूची तैयार करने की रणनीति बनाई है। गांव में आयोजित कैंप में सबसे पहले पीएम किसान सम्मान निधि वाले किसानों का पंजीकरण किया जाएगा और दूसरे चरण में अन्य किसानों का इलाज किया जाएगा।
किसान रजिस्ट्री की महत्ता
केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ऐप पर किसानों का नाम, पता, खसरा नंबर समेत सभी जानकारी अपडेट की जाएगी। इससे किसानों को लोन लेने या किसी योजना का लाभ लेने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। किसान रजिस्ट्री से प्राप्त नंबर के आधार पर वह अपनी पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। कृषि विभाग द्वारा की जा रही इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि हर किसान को समय पर पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल सके और इसके लिए आवश्यक सभी प्रक्रियाएँ सुचारू रूप से पूरी हों।
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