कैबिनेट बैठक: योगी सरकार का नकल माफिया पर सख्त प्रहार, 1 करोड़ रुपये जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा
उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में नकल और पेपर लीक रोकने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी गई है। वित्त एवं संसदीय मंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट बैठक के बाद इस निर्णय की जानकारी दी।
मुख्य निर्णय और प्रावधान
नकल और पेपर लीक पर सख्त सजा
- नकल करने या कराने वाले व्यक्तियों को दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
- एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
- परीक्षा में हुए खर्च की वसूली साल्वर गैंग से की जाएगी और उनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी।
प्रभावी बोर्ड और परीक्षाएं
- यह अध्यादेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, यूपी बोर्ड, विश्वविद्यालय, प्राधिकरण या निकाय या उनके द्वारा नामित संस्था द्वारा आयोजित परीक्षाओं में लागू होगा।
- भर्ती परीक्षाओं, नियमितीकरण, पदोन्नति, डिग्री-डिप्लोमा, प्रमाण-पत्रों के लिए यह लागू होगा।
- सॉल्वर गैंग से आर्थिक भार वसूलने और परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली संस्था को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट करने का प्रावधान है।
फर्जी सॉल्वर गैंग के खिलाफ कार्रवाई
- प्रश्नपत्र बांटना, फर्जी रोजगार वेबसाइट बनाना आदि को दंडनीय अपराध बनाया गया है।
- परीक्षा प्रभावित होने पर सॉल्वर गैंग से आर्थिक भार वसूलने और संस्था को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
अन्य राज्यों में भी कड़े कानून
- उत्तराखंड: सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के तहत 10 साल की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
- गुजरात: वर्ष 2022 में लागू सख्त कानून के तहत 7 से 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
कैबिनेट बैठक के अन्य निर्णय
राज्य सरकार भारतीय नागरिक संहिता-2023 के प्रावधानों के मद्देनजर छह कानूनों में बदलाव करेगी।
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए भारतीय नागरिक संहिता-2023 के प्रावधानों के अनुसार विभिन्न राज्यों में भी पेपर लीक पर सख्त नियम बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा, “हमारी सरकार परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई से प्रदेश में परीक्षा प्रणाली की साख बढ़ेगी और युवाओं को एक निष्पक्ष और पारदर्शी माहौल मिलेगा।”
योगी सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक परीक्षाओं की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। नकल और पेपर लीक पर सख्त कार्रवाई से न केवल परीक्षा प्रणाली में सुधार होगा, बल्कि इससे प्रदेश के युवाओं को भी लाभ मिलेगा।
source- news paper