अब गांवों में चौपाल लगाकर हल होंगी चकबंदी की समस्याएं

बलिया: चकबंदी आयुक्त के हालिया निर्देशों के मद्देनजर, जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने गांवों में चौपाल आयोजित करने के लिए प्रशासनिक प्रयासों को तेज कर दिया है। जिन गांवों में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है, वहां चौपाल लगाकर किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
चौपाल का उद्देश्य
गांवों में चौपाल आयोजित करने का उद्देश्य न केवल किसानों की शिकायतों को सुनना है, बल्कि चकबंदी प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न होने वाले विवादों का त्वरित समाधान भी करना है। इस चौपाल में किसान संघ के सदस्यों, चकबंदी समिति के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हर किसान की आवाज सुनी जाए और उनकी समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया जा सके।
चकबंदी प्रक्रिया की चुनौतियां
जिन गांवों में चकबंदी हो रही है, वहां अक्सर तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है। किसानों की विभिन्न चिंताएं और सवाल चकबंदी अधिकारियों के सामने आते हैं, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है। इसे देखते हुए चकबंदी आयुक्त ने 1 सितंबर को जिलाधिकारी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया कि गांव की चकबंदी योजना से संबंधित शिकायतों को सुनकर उनका समाधान किया जाए।
कार्यक्रम की तिथियां
जिलाधिकारी ने संबंधित एसडीएम को तिथिवार चौपाल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। नीचे कुछ महत्वपूर्ण गांवों और उनकी चौपाल की तिथियां दी गई हैं:
गांव का नाम | तहसील | अंतिम तिथि |
---|---|---|
करना | सदर | 8 अक्टूबर |
चसोतर | सिकंदरपुर | 18 अक्टूबर |
खमीरपुर | सदर | 15 अक्टूबर |
शाहपुर टिटिहा | बेल्थरारोड | 15 अक्टूबर |
रामपुरचीत | सदर | 22 अक्टूबर |
पुर | सिकंदरपुर | 24 अक्टूबर |
भुवारी | बेल्थरारोड | 26 अक्टूबर |
इस पहल से चकबंदी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी और किसानों के बीच विवादों का समाधान किया जा सकेगा। प्रशासन का यह प्रयास किसानों को राहत प्रदान करेगा और चकबंदी की समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल करने में मदद करेगा। चौपाल का आयोजन स्थानीय समुदाय को एकजुट करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक किसान की आवाज को सुना जाए।