बलिया में बढ़ते गिरोहों की समस्या: जिले को अपराध मुक्त बनाने की उम्मीदें धूमिल

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बलिया। उत्तर प्रदेश में जब योगी सरकार सत्ता में आई, तो लोगों ने आशा की थी कि प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार होगा और जंगलराज खत्म होगा। लेकिन बलिया जिले में स्थिति इसके विपरीत है, जहाँ दर्जनों गिरोह सक्रिय हो गए हैं और स्थानीय जनता को परेशान कर रहे हैं।

बढ़ते गिरोहों की समस्या

बलिया जिले में योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद कई गैंगों ने पनपना शुरू कर दिया है। वर्तमान में फरसा, त्रिशूल, चोटी, टांगी, राइडर, शिकारी, रफ्तार और चिंगारी जैसे गिरोहों की मौजूदगी दर्ज की गई है। ये गिरोह लगातार किसी न किसी को अपना शिकार बना रहे हैं। बलिया पुलिस ने इन गिरोहों की गतिविधियों की पुष्टि की है और सूचना देने वालों को 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।

सोशल मीडिया पर गैंग्स की सक्रियता

ये गैंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी सक्रिय हैं। वे सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाकर अपनी गतिविधियों की निगरानी रखते हैं। गिरोह के सदस्य समय-समय पर किसी की पिटाई कर उसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं। गैंग की पहचान छुपाकर ही इनकी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है, जिससे पुलिस की कार्रवाई में कठिनाई उत्पन्न होती है।

बलिया की स्थिति

बलिया जिले की स्थिति ऐसी है कि यहाँ गैंगवार के मामले बढ़ते जा रहे हैं। गाजियाबाद की तरह बलिया भी गैंगवार का केंद्र बनने की ओर अग्रसर हो सकता है। हाल ही में बांसडीह में रोहित यादव की राइडर गैंग द्वारा हत्या की गई थी और सिकंदपुर थाना क्षेत्र में हरनाटार गांव में कड़ा गैंग द्वारा मारपीट की गई। ये नए गैंग बल प्रयोग और हिंसा के लिए जाने जाते हैं।

अगर जल्द ही इन गैंग्स पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती, तो बलिया जिले का भी गाजियाबाद के रूप में बदलना तय है। बलिया में गैंग्स की बढ़ती संख्या और उनकी हिंसक गतिविधियाँ स्थानीय जनता के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं।

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