बलिया में सफाई अभियान की स्थिति बदहाल

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शहर में सफाई पर प्रतिदिन तीन से चार हजार रुपये खर्च करने के बावजूद, गंदगी और कूड़े के ढेर जगह-जगह देखने को मिल रहे हैं। संचारी रोग नियंत्रण अभियान, जो 31 जुलाई तक चल रहा है, का असर कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा है। नगर पालिका का दावा है कि चूना और ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव के साथ-साथ हर दिन फॉगिंग कराई जा रही है, लेकिन इसकी वास्तविकता कुछ और ही बयां करती है।

नगर पालिका की चुनौतियां:

बलिया नगर पालिका में कुल 25 मोहल्ले हैं, जिनकी आबादी करीब सवा लाख है। अगर प्रस्तावित विस्तारित क्षेत्रों को भी शामिल किया जाए तो शहर का दायरा और भी बढ़ जाता है। इनमें से अधिकांश इलाकों में जलनिकासी की उचित व्यवस्था नहीं है, जिससे शहर में जलभराव की समस्या बनी रहती है। उदाहरण के लिए, जापलिनगंज मोहल्ले में नाला टूटा हुआ है, जिससे गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है और दुर्गंध के कारण लोगों को नाक बंद करके गुजरना पड़ता है।

स्वास्थ्य और सफाई की दयनीय स्थिति:

शहर के विभिन्न गलियों और वार्डों में सफाई व्यवस्था की पड़ताल करने पर नालियां गंदगी से भरी और जाम मिलीं। नगर के कई स्थानों पर सफाई व्यवस्था बदहाल है, विशेषकर खाली पड़े प्लाटों में जलभराव से मच्छर पनप रहे हैं। जापलिनगंज के निवासी रिपुंजय रमन पाठक रानू का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर गांवों तक गंदगी फैली है और अभियान केवल कागजों तक सीमित है।

प्रमुख समस्याएं:

कलेक्ट्रेट कालोनी, कांशीराम आवास हरपुर, सथवास कालोनी, जीजीआईसी के पीछे, आयुर्वेदिक कालोनी, डीएम आवास के बगल, जजी कालोनी, राजवैद्य भाखर चौराहा, एनसीसी तिराहा, आवास विकास कालोनी, हरपुर मिड्ढी, जगदीशपुर, विजयपुर और अंबेडकर नगर मोहल्लों में नालियों का गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है, जिससे लोगों को आवागमन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

आधिकारिक दावे और वास्तविकता:

नगर पालिका का दावा है कि प्रतिदिन 15 लीटर डीजल, दो लीटर पेट्रोल, दो लीटर मैलाथियान, और चूना ब्लीचिंग आदि पर करीब तीन से चार हजार रुपये खर्च हो रहे हैं। फॉगिंग और सफाई सामग्री पर प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपये से अधिक खर्च होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन समस्या अभी भी बनी हुई है।

अधिकारियों का बयान:

अधिशासी अधिकारी सुभाष कुमार ने कहा, “संचारी रोग नियंत्रण के तहत कार्ययोजना तैयार की गई है। पूरे माह वार्डवार सफाई अभियान, नालियों में दवा, चूना, ब्लीचिंग, एंटी लार्वा का छिड़काव, और शाम को फॉगिंग कराई जा रही है। यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा।”

बलिया शहर की सफाई और स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि लोगों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सके।

source and data अमर उजाला

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