यूरोप और अमेरिका की सड़कों जैसे होगा गंगा एक्सप्रेसवे

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लखनऊ: राज्य के एक्सप्रेसवे अब यूरोप और अमेरिका के एक्सप्रेसवे की तरह होंगे। देश में पहली बार गंगा एक्सप्रेसवे में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस तकनीक से न केवल सड़क का निर्माण होगा बल्कि उसकी ‘राइडिंग क्वालिटी’ भी जांची जाएगी। ऐसे में सड़क बनने के बाद सुधार करने की कोई झंझट नहीं होगी। इस संबंध में, यूपीडा के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने ETH-स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, ज्यूरिख और RTDT लेबोरेटरीज AG के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।

594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेसवे अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित

यूपीडा ने ETH-स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट और RTDT लेबोरेटरीज AG के साथ समझौता किया है। यूपीडा के चेयरमैन ने कहा – देश में पहली बार यूपी में यह प्रयोग किया जा रहा है। औद्योगिक विकास और अवसंरचना आयुक्त और यूपीडा के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने बताया कि राज्य में पहली बार विश्वस्तरीय गुणवत्ता के लिए देश का पहला पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसके तहत, एक्सप्रेसवे की सतह पूरी तरह ‘स्मूद’ होगी।

उन्होंने बताया कि सड़क के निर्माण के बाद राइडिंग क्वालिटी की जांच की जाएगी और इसके प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। आमतौर पर, सड़क बनने के बाद उसमें सुधार करने में समस्याएं आती हैं। अब ETH-स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ज्यूरिख द्वारा तैयार डिवाइस के साथ निर्माण के दौरान ही सड़क की राइडिंग क्वालिटी की जांच की जा सकेगी। विश्वस्तरीय गुणवत्ता की सड़क बनाने में 2.7 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें एक सॉफ्टवेयर और उपकरण को इनोवा वाहन में फिट किया जाएगा।

यह तकनीक अन्य एक्सप्रेसवे पर भी लागू की जाएगी ताकि पैसे और समय की बर्बादी से बचते हुए राज्य में विश्वस्तरीय मार्ग बनाए जा सकें। ETH ज्यूरिख के चेयर ऑफ स्ट्रक्चरल मैकेनिक्स, डॉ. एलेनी चटर्जी ने कहा कि यूपी सरकार के साथ जुड़कर मार्गों को यूरोपीय राजमार्गों की तरह शानदार बनाया जाएगा।

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