107 साल पुरानी बलिया जिला जेल: एक ऐतिहासिक सफर
बलिया: बलिया जिला जेल, जिसे 1917 में अंग्रेजों ने निर्माण किया था, अब इतिहास बन जाएगी। शासन ने इसे स्थायी रूप से खाली करने का आदेश दिया है, और इसकी जगह राजकीय इंटर कॉलेज का निर्माण करने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही गुलामी के दौर में इस जेल में कैद रहे क्रांतिकारियों का अद्वितीय इतिहास भी जुड़ा है।
बलिया जिला जेल की बिल्डिंग, जो शहर के उत्तरी इलाके में स्थित है, अपने 107 साल के इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रही है। इस जेल में 1942 में महात्मा गांधी के ‘करो या मरो’ आंदोलन के समय कई क्रांतिकारियों को कैद रखा गया था। आज भी इस जेल का गेट हर साल 19 अगस्त को ‘बलिया शहादत दिवस’ पर समारोह के लिए खुलता है, जिसमें जिले के लोग उन वीरों को याद करते हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपनी जान दी।
शासन ने इस ऐतिहासिक जेल को खाली करने के फैसले के साथ ही नई ऊंचाईयों की ओर बढ़ने की योजना बनाई है। इसी क्रम में, जीआईसी भवन की जमीन पर राजकीय इंटर कॉलेज और मेडिकल कॉलेज का निर्माण होगा। यह निर्णय न केवल शिक्षा क्षेत्र में विकास का माध्यम होगा, बल्कि यहां के लोगों के जीवन में भी नई उम्मीदों की आशा जगाएगा।
बलिया जिला जेल का इतिहास अपने आप में एक विशेष अध्याय है, जिसे अब नए स्वर में लिखा जा रहा है। इस उत्तराधिकारी योजना के तहत, नयी पीढ़ियों को नए सपनों की ऊंचाइयों तक पहुँचने का मार्ग प्रदान किया जा रहा है।