दीक्षांत समारोह: स्वर्ण पदक विजेताओं में 81 फीसदी छात्राएं, सिर्फ आठ छात्रों को मिला पदक
जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह आज आयोजित होने जा रहा है। इस समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल करेंगी। इस समारोह में कुल 23,344 छात्र-छात्राएं उपाधियां प्राप्त करेंगी, जिनमें 19,448 स्नातक और 3,894 स्नातकोत्तर छात्र शामिल हैं।
विशेष रूप से ध्यान देने वाली बात यह है कि स्वर्ण पदक विजेताओं में 81 फीसदी छात्राएं हैं। कुल 43 स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे, जिनमें से 34 छात्राओं को और केवल 8 छात्रों को यह पदक मिलेगा। यह आंकड़ा न केवल महिला शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है, बल्कि समाज में महिलाओं की भूमिका को भी मजबूती प्रदान करता है।
कार्यक्रम की खास बातें
इस दीक्षांत समारोह में पहली बार पीएचडी की डिग्री भी प्रदान की जाएगी, और दो शोधकर्ताओं को यह डिग्री मिल रही है। कुलपति संजीत कुमार गुप्ता ने जानकारी दी कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी किट वितरित करेंगी।
समारोह की तैयारी के लिए रिहर्सल भी किया गया था, जिसमें सभी कार्यक्रमों का पूर्वाभ्यास किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि पद्मश्री और कृषि वैज्ञानिक डॉ. राम चेत चौधरी, जिन्होंने धान की 100 नई प्रजातियां ईजाद की हैं, और उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
स्वर्ण पदक पाने वाले छात्रों की सूची
जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक पाने वाले कुछ प्रमुख विद्यार्थियों में शामिल हैं:
- रोली सिंह
- सेजल गुप्ता
- नीलाक्षी पांडे
- विश्वजीत उपाध्याय
- समीक्षा मिश्रा
- कुमारी खुशी राय
- पंकज कुमार यादव
- अंजली सिंह
- अभिषेक पांडे
- दुर्गेश कुमार
इन सभी विद्यार्थियों ने अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है और विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है।
राज्यपाल का कार्यक्रम
आनंदीबेन पटेल 24 सितंबर को सुबह 10 बजे जिले में पहुंचेंगी और नवनिर्मित अटल प्रशासनिक भवन का उद्घाटन करेंगी। इसके बाद वे 10:30 बजे गंगा बहुउद्देशीय सभागार में दीक्षांत समारोह में शामिल होंगी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शैक्षिक किट वितरित करेंगी। समारोह के बाद, वे दोपहर 12:45 बजे वाराणसी के लिए रवाना होंगी।
यह दीक्षांत समारोह न केवल छात्रों के लिए उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि यह समाज में शिक्षा के महत्व और महिलाओं की भागीदारी को भी रेखांकित करता है। विश्वविद्यालय की यह पहल नए युग के शिक्षित समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में इस तरह के कार्यक्रमों से और भी छात्रों को प्रेरणा मिलेगी और वे अपनी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ सकेंगे।