मानव तस्करी के आरोप में एनआईए की टीम ने की छापेमारी, एक को उठाया
बलिया। एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की टीम ने सोमवार को सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के उर्दू बाजार में छापेमारी की, जिसमें एक युवक को हिरासत में लिया गया। यह कार्रवाई मानव तस्करी के आरोप में की गई है, क्योंकि गिरफ्तार युवक का बड़ा भाई पहले से ही इस मामले में तिहाड़ जेल में बंद है।
एनआईए की टीम आठ वाहनों में सवार होकर आई थी, और उनके छापे के बाद से गिरोह से जुड़े छह से अधिक लोग भूमिगत हो गए हैं। यह छापेमारी पिछले कुछ दिनों से बलिया में चर्चा का विषय बनी हुई है, खासकर तब जब एक वर्ष पूर्व पांच हार्डकोर नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई थी। अब, मानव तस्करी के संदर्भ में यह दूसरी बार है जब एनआईए की टीम ने जिले में इस तरह की कार्रवाई की है।
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार युवक का संदेह है कि वह मानव तस्करी के गिरोह से जुड़े अन्य व्यक्तियों के संपर्क में है। युवक विदेश भेजने के नाम पर कई युवकों को काम दिलाने का कार्य करता था। इसके लिए उसने दिल्ली, लखनऊ, और वाराणसी में कार्यालय खोल रखे थे। आरोप है कि वह सऊदी अरब और दुबई जैसे देशों में नौकरी दिलाने का वादा करके युवकों को पोलैंड, इथियोपिया, और अन्य मध्य एशियाई देशों में भेजता था, जहां उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता था।
इस संदर्भ में यह भी पता चला है कि विदेश भेजे गए युवकों की किडनी जैसे अंग भी निकाले जा रहे हैं। एनआईए की टीम ने इस मामले की जांच करते हुए करीब तीन माह पहले युवक के भाई को गिरफ्तार किया था, और वह अब तिहाड़ जेल में है।
जिले में सक्रिय मानव तस्करी के गिरोह
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि सिकंदरपुर कस्बे में कम से कम छह छोटे केंद्र सक्रिय हैं, जहां से गरीब और बेरोजगार युवकों को विदेश भेजने का काम किया जा रहा है। इन केंद्रों से टूरिस्ट वीजा पर भेजे गए युवा अक्सर शोषण का शिकार होते हैं, और उनके साथ अमानवीय घटनाएं होती हैं।
पहले की कार्रवाई की याद दिलाती छापेमारी
यह पहली बार नहीं है जब एनआईए ने बलिया में छापेमारी की है। एक पखवाड़े पहले, सहरसपाली में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर एनआईए की टीम ने दो स्थानों पर छापेमारी की थी। उस समय सोहन सिंह हत्याकांड के आरोपी के घर से एक मोबाइल और दो सिम कार्ड जब्त किए गए थे। पिछले स्वतंत्रता दिवस पर यूपी एटीएस ने बसंतपुर गांव से पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से भारी मात्रा में नक्सली साहित्य और पर्चे बरामद हुए थे।
मानव तस्करी के मामले में एनआईए की लगातार कार्रवाई यह दर्शाती है कि सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान इस गंभीर मुद्दे की ओर है। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को एक साथ मिलकर इन गिरोहों का सामना करना होगा ताकि युवा पीढ़ी को सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य मिल सके।
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