बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट दें, प्रभावितों को तत्काल मिले मुआवजा
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित 11 जिलों, जिसमें बलिया, कुशीनगर, महाराजगंज, लखीमपुर खीरी, फर्रुखाबाद, गोंडा, कानपुर नगर, गौतमबुद्ध नगर, सीतापुर, हरदोई और शाहजहांपुर शामिल हैं, की स्थिति की समीक्षा की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे फील्ड में सक्रिय रहें और राहत कार्यों में तेजी लाएं।
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित बलिया में तीन तहसीलों के 18 गांव प्रभावित हुए हैं। इसके अतिरिक्त, कुशीनगर में 5 गांवों के 8,000 लोग और महाराजगंज में 45 लोग भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। लखीमपुर खीरी की चार तहसीलों के 11 गांवों में कटान के कारण 19,500 लोग प्रभावित हुए हैं।
राहत कार्यों की स्थिति:
- बचाव कार्य: एनडीआरएफ ने शिवपुर गांव में बाढ़ के पानी में फंसे 10 लोगों को सुरक्षित निकाला है।
- प्रभावित गांवों की संख्या: बलिया (3 तहसील, 18 गांव), फर्रुखाबाद (1 गांव), गोंडा (3 गांव) और अन्य जिलों में राहत कार्य चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के डीएम को फसलों के नुकसान का आकलन कर शासन को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पीएसी की टीमों को तैनात करने का निर्देश दिया है। जिन लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 24 घंटे के भीतर आर्थिक सहायता देने की बात कही गई है।
मुख्यमंत्री ने राहत सामग्री वितरण में लापरवाही न करने और राहत शिविरों में सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। इसके साथ ही, आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे सक्रिय रखने और तटबंधों पर पेट्रोलिंग कर सतत निगरानी रखने की भी आवश्यकता बताई गई है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यदि कहीं पशुओं को हानि होती है तो उन्हें भी 24 घंटे के अंदर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। उनका मुख्य लक्ष्य है कि बाढ़ प्रभावित लोगों तक भरपूर राहत पहुंचाई जाए।