अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बलिया के सत्तू की बढ़ती मांग

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ग्रेटर नोएडा में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बलिया के सत्तू की मांग में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। 25 सितंबर से शुरू हुए इस मेले में अब तक 1800 किलो सत्तू बिक चुका है, और ब्रिटेन तथा खाड़ी देशों के व्यापारियों ने भी इस खास उत्पाद में रुचि दिखाई है।

ओडीओपी में सत्तू का प्रस्ताव

प्रशासन ने बलिया के सत्तू को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के तहत प्रस्तावित किया है, जिससे इसे एक विशेष पहचान मिल सके। बलिया के व्यापारी सौरभ अग्रवाल ने देसी चना सत्तू का स्टॉल लगाया है, जिसकी खपत तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि विदेशों में भी सत्तू की मांग है, और खाड़ी देशों में इसके निर्यात की बात चल रही है।

सत्तू की पहचान और बलिया का नाम

व्यापारी सौरभ अग्रवाल ने यह भी बताया कि इस उत्पाद के माध्यम से बेसन को अलग पहचान मिलेगी, जिससे बलिया जिले का नाम भी रोशन होगा। नोएडा में आयोजित इस एक्सपो मेले में सत्तू खरीदते हुए लोग दिख रहे हैं।

सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रचार

इस व्यापार मेले में प्रदेश की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत, खान-पान, परिधान, पर्यटन, और प्रमुख उद्योगों को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। प्रशासन ने बलिया के देसी ग्राम सत्तू को ओडीओपी में शामिल करने की पहल की है। अगले महीने इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है, और इसके लिए शासन की एक टीम भी सर्वे के लिए आ रही है।

खेती का बढ़ता लक्ष्य

सीडीओ ओजस्वी राज ने इस पहल में सक्रिय भूमिका निभाई है, जिसके तहत जिले में देसी ग्राम की खेती का लक्ष्य भी तय किया गया है। पहले जिले में तीन हजार हेक्टेयर में चने की खेती होती थी, अब इसका लक्ष्य 10 हजार हेक्टेयर रखा गया है।

प्रदर्शनी में भागीदारी

इस मेले में देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग आए हैं, जो बलिया के सत्तू और अन्य उत्पादों की झलक देखने के लिए उत्सुक हैं। इस प्रकार, अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बलिया के सत्तू की बढ़ती मांग न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रही है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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