पूर्वांचल में बिजली चोरी: हर साल बिजली चोरी से 1220 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा
बिजली चोरी से बड़ा नुकसान
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम से जुड़े 21 जिलों में हर साल लगभग पाँच हजार करोड़ रुपये की बिजली चोरी हो रही है। विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि:
हर साल बिजली चोरी से 1220 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
- वर्ष 2020-21 में 86994 ट्रांसफार्मर (15.38%) जले।
- वर्ष 2021-22 में 86978 ट्रांसफार्मर (13.62%) जले।
- वर्ष 2022-23 में यह संख्या घटकर 78242 हो गई।
- वर्ष 2023-24 में प्रदेश में विद्युत दुर्घटनाओं में 213 लोगों की मृत्यु हुई।
घाटे की पूर्ति के लिए टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव
वाराणसी: राज्य विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई के दौरान सोमवार को पूर्वांचल डिस्कॉम के एमडी शंभू कुमार ने पावर कारपोरेशन की ओर से वर्ष 2023-24 के लिए राजस्व आवश्यकता प्रस्तुत की। इसके अनुसार:
कारपोरेशन 11,203 करोड़ रुपये के घाटे में है।
इस घाटे की भरपाई के लिए बिजली टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है।
उपभोक्ता परिषद की प्रतिक्रिया
अवधेश वर्मा ने कहा कि:
बिजली उपभोक्ता बिजली कंपनियों पर सरप्लस के रूप में लगभग 33122 करोड़ रुपये चुका रहे हैं।
ऐसे में या तो कंपनियां दरों में 40% की कमी करें या अगले पांच साल तक टैरिफ बढ़ाने के प्रस्ताव को रद्द करें।
विद्युत दुर्घटनाएं और सुरक्षा
वर्ष 2020-21 में विद्युत दुर्घटनाओं में 150 लोगों की मृत्यु हुई।
वर्ष 2021-22 में 203 लोगों की जान गई।
वर्ष 2022-23 में 213 लोगों की जान गई।
समस्याओं के समाधान की अपील
विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने जनसुनवाई के बाद कहा कि कई लोगों ने गंभीर शिकायतें की हैं। इनका समय रहते निराकरण किया जाना चाहिए। लोग उपभोक्ता फोरम पर ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। विद्युत दुर्घटनाओं में 1120 लोगों की मौत हुई है, जिससे सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।