इमरजेंसी में हर तीन घंटे पर एक मरीज की मौत

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बलिया जिले में प्रचंड गर्मी बुजुर्ग व बीमार मरीजों के लिए जानलेवा बनी हुई है। जिले में गर्मी और लू से तबीयत बिगड़ने के बाद 8 लोगों ने जान गंवाई है।औसत देखें तो जिला अस्पताल की इमरजेंसी में बीते 24 घंटे में हर तीन घंटे पर एक मरीज की मौत हो रही है।

मौत के बाद परिजनों के पोस्टमार्टम कराने के लिए तैयार न होने के कारण मौत के कारणों की पुष्टि नहीं हो पा रही है। हालांकि परिजनों के अनुसार उनके मरीज की मौत के पूर्व गर्मी और लू लगने के लक्षण थे।स्वास्थ्य विभाग गर्मी से एक भी मौत की पुष्टि नहीं कर रहा। मौत व बढ़े हुए मरीजों का आंकड़ा तक नहीं बता रहा है।

इमरजेंसी के गंभीर मरीजों को लेकर आने वाली एंबुलेंसों व अस्पताल से शव लेकर जाने वाले एंबुलेंस की भीड़, मौत के आंकड़े की कहानी बयां कर रही है।प्रशासन की चेतावनी के बावजूद अस्पतालों में जनकर लापरवाही हो रही है, जो कि लोगों के लिए जानलेवा बनी हुई है।

मरीज की तबीयत खराब होने पर सरकारी या निजी अस्पताल न जाकर गांव के अप्रशिक्षित चिकित्सकों के यहां इलाज करा रहे हैं। बीमारी को बिगाड़ने के बाद अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहां प्राथमिक इलाज के दौरान ही मौत हो जा रही है। चिकित्सकों ने बताया की समय से अस्पताल पहुंचने वाले अधिकतर मरीजों की जान बच जा रही है।तापमान बढ़ने से इमरजेंसी में सामान्य दिनों की तुलना में तीन से चार गुना ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं।

सामान्य दिन में 90 से 100 मरीज आते हैं। तापमान बढ़ने पर 250 से 350 से ज्यादा मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। इसमें सबसे 200 के करीब मरीज हीट वेब व गर्मी की तपिश के लक्षण वाले मरीज होते हैं।मंगलवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री व न्यूनतम पारा 31 डिग्री रहा। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन हीट वेब को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों के बेड फुल चल रहे हैं। जिला अस्पताल में रोज 12 से ज्यादा मौतें हो रही हैं।

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