मनरेगा योजना: बकाया 177 करोड़ रुपये में से सिर्फ 37 प्रतिशत धनराशि स्वीकृत
बलिया। पिछले एक साल से धनाभाव से जूझ रही मनरेगा योजना के तहत अब शासन ने आजमगढ़ मंडल के तीन जिलों बलिया, आजमगढ़ और मऊ के लिए कुल 66.60 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। हालांकि, यह राशि कुल मांग का मात्र 37 प्रतिशत है, जिससे लाखों मनरेगा मजदूरों के बकाए की समस्या अभी भी बनी हुई है।
धनराशि की स्वीकृति और बकाया स्थिति
वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान मनरेगा के तहत बालू, गिट्टी, सीमेंट, मोरंग, स्ट्रीट लाइट समेत विभिन्न कार्यों के लिए धनराशि लंबित है। आजमगढ़ मंडल के तीन जिलों की 3427 ग्राम पंचायतों पर कुल 177.0678 करोड़ रुपये का कर्ज था। इसमें बलिया जिले के 17 ब्लाकों पर 40 करोड़ 47 लाख 98 हजार रुपये, आजमगढ़ जिले की 1811 ग्राम पंचायतों पर 92.0556 करोड़ रुपये और मऊ जिले की करीब 676 ग्राम पंचायतों पर 15.29 करोड़ रुपये का कर्ज शामिल है।
मजदूरी भुगतान में कठिनाई
धन की कमी के कारण जिले में मनरेगा मजदूरों को महीनों से मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया है, और करोड़ों रुपये मजदूरी के बकाए हैं। ग्राम पंचायतें इस नई स्वीकृत धनराशि का उपयोग कुशल, अर्धकुशल और सामग्री मजदूरों के बकाए का भुगतान करने में कर सकती हैं। इसके लिए “एक काम एक एफटीओ” का सिद्धांत अपनाना होगा।
मनरेगा मजदूरों की स्थिति
आजमगढ़ मंडल में कुल 11 लाख से अधिक मनरेगा मजदूर पंजीकृत हैं, जिनमें से करीब छह लाख सक्रिय हैं। बलिया जिले में 326199 मनरेगा मजदूर पंजीकृत हैं, जिनमें से 183418 सक्रिय हैं। आजमगढ़ में 484293 मनरेगा मजदूर पंजीकृत हैं, जिनमें से 311758 सक्रिय हैं। मऊ जिले में 2,89,508 मनरेगा मजदूर पंजीकृत हैं, जिनमें से 1,04,824 सक्रिय हैं। नियमानुसार, एक मजदूर को प्रतिदिन 237 रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए, लेकिन धनाभाव के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा था। पिछले छह माह से मजदूरों की मजदूरी का भुगतान अटका हुआ था।
आगे की कार्रवाई
शासन ने बलिया, आजमगढ़ और मऊ जिलों के लिए क्रमशः 15.29 करोड़, 34.58 करोड़ और 16.73 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इस संबंध में डीसी मनरेगा को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं, और 30 अगस्त को धनराशि मिलने की संभावना है।
– डीएन पांडेय, डीसी मनरेगा, बलिया
– मनीष चौहान, मंडलायुक्त, आजमगढ़ मंडल