सरयू नदी का जलस्तर बढ़ा: बलिया

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पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बलिया में सरयू नदी की तराई में एक घर बह गया है और 30 अन्य परिवारों के मकान कटान के खतरे में हैं। सोमवार की सुबह मुसाफिर यादव का घर नदी की मुख्यधारा में समा गया।

वाराणसी और अन्य प्रभावित क्षेत्र

वाराणसी में गंगा का जलस्तर 24 घंटे में एक सेंटीमीटर बढ़ा है। बलिया में सरयू नदी का जलस्तर 19.5 मीटर है, जो अभी खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन कटान जारी है। आजमगढ़ के लाटघाट में घाघरा नदी का जलस्तर 70.20 मीटर दर्ज किया गया, जबकि रविवार को यह 70.32 मीटर था, यानी जलस्तर में 12 सेमी की कमी आई है। मऊ में सरयू नदी का जलस्तर स्थिर है और गौरीशंकर घाट पर 68.80 मीटर था, जो खतरे के निशान से 1.10 मीटर नीचे है।

गोरखपुर और आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा

गोरखपुर-बस्ती मंडल में लगभग सभी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। गोरखपुर में घाघरा, राप्ती और रोहिन नदियाँ खतरे के निशान के करीब पहुंच गई हैं। वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर एक सेंटीमीटर बढ़ गया है।

बाढ़ के दौरान हादसे और मौतें

बाढ़ के दौरान विभिन्न हादसों में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को श्रावस्ती में दो युवक तालाब में डूब गए, जिनमें से एक का शव बरामद हुआ है। बाराबंकी में कल्याणी नदी में डूबने से आठ वर्षीय बालक की मौत हो गई। बलरामपुर के धोवहा पहाड़ी नाले में नहाते समय दो बच्चे बह गए, जिनमें से एक का शव बरामद हुआ है और दूसरा अभी लापता है।

अवध के छह जिलों में बाढ़ के हालात

नेपाल से छोड़े जा रहे पानी और बारिश ने अवध के छह जिलों में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले श्रावस्ती और बलरामपुर हैं। बहराइच, गोंडा, अयोध्या और सीतापुर के कुछ हिस्से भी प्रभावित हुए हैं। श्रावस्ती में राप्ती का जलस्तर खतरे के निशान 127.70 मीटर से 40 सेमी अधिक रहा, जिससे 75 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

रेलवे ट्रैक और यातायात प्रभावित

नानपारा-मैलानी रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने से 11 जुलाई तक ट्रेनों का संचालन बंद हो गया है। बाढ़ के चलते श्रावस्ती के मधवापुर घाट पुल के पास भंगहा मल्हीपुर मार्ग कट जाने से यातायात ठप हो गया है। बौद्ध तीर्थस्थल श्रावस्ती, डेन महामंकोल, चाइना मंदिर, सहेट महेट दहावर कला भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।

बाढ़ के कारण प्रभावित इलाकों से लोगों का विस्थापन शुरू हो गया है और कुछ लोगों ने तटबंधों पर शरण ले ली है। बलरामपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान से 42 सेमी ऊपर बह रही है, जिससे ग्रामीण इलाकों के बाद अब शहरों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। तुलसीपुर तहसील के गांवों में हाहाकार मचा हुआ है और लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।

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