चिंताजनक स्थिति: दिल्ली में टीबी वैक्सीनेशन अभियान में कमी
दिल्ली में टीबी के खिलाफ चलाए गए बीसीजी वैक्सीनेशन ट्रायल के तहत 15 लाख वयस्कों को टीका लगाने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक केवल 46 हजार लोगों ने ही टीका लगवाया है। इस असंतोषजनक स्थिति को देखते हुए, अभियान की अवधि को एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
केंद्रीय टीबी प्रभाग और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की पहल के तहत दिल्ली के पांच जिलों में वयस्कों को बीसीजी वैक्सीन देने की योजना बनाई गई थी। अभियान का उद्देश्य दिल्ली में टीबी के मामलों को नियंत्रित करना और वयस्कों को भी इस बीमारी से बचाना था। हालांकि, लोगों की ओर से अभियान में कम रुचि देखने को मिली, जिसके कारण लक्ष्य का केवल 3 प्रतिशत ही पूरा हो सका।
दिल्ली में टीबी का संक्रमण उच्च स्तर पर है, जहां प्रति लाख जनसंख्या में 545 लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं। 14 साल तक की उम्र के बच्चों में टीबी के मामलों की संख्या लगभग नौ प्रतिशत है। विशेषज्ञों का मानना है कि वयस्कों का टीकाकरण किए बिना भारत को जल्दी टीबी मुक्त बनाना मुश्किल होगा।
इस ट्रायल के तहत बीसीजी टीके की एक खुराक देने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन केवल 3 प्रतिशत लोगों को ही यह टीका लगवाया जा सका। इस अभियान की अवधि अब एक महीने के लिए बढ़ा दी गई है, और इस महीने के अंत तक चिन्हित जिलों में वैक्सीनेशन जारी रहेगा।
दिल्ली में पिछले साल टीबी से 3902 मौतें दर्ज की गईं थीं। 2022 में एक लाख पांच हजार से अधिक टीबी के मरीज सामने आए, जो कि 2021 की तुलना में छह प्रतिशत कम था। इस साल के आठ महीनों में 72 हजार से अधिक मरीज रिपोर्ट हुए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि बुजुर्गों, मधुमेह से पीड़ित लोगों और धूम्रपान करने वालों के लिए विशेष टीकाकरण की आवश्यकता है। इस स्थिति को देखते हुए, टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास किए जाने की जरूरत है।